कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घोषणा की कि पुरी के 12वीं शताब्दी के श्री जगन्नाथ मंदिर के सुचारू प्रबंधन के लिए ये कदम उठाए जाएंगे।

2.बैठक और घोषणाकानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह जानकारी दी। बैठक में मंदिर की भूमि संपत्तियों और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि 2003 की यूनिफॉर्म लैंड सेटलमेंट पॉलिसी में सुधार लाया जाएगा और 70 वर्ष पुराने श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 में संशोधन किया जाएगा।
3.भूमि संबंधी चुनौतियांमंदिर के पास ओडिशा के 24 जिलों में 60,426 एकड़ से अधिक भूमि है, साथ ही पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार में 395 एकड़ भूमि। फिर भी मंदिर को अपेक्षित राजस्व नहीं मिल पा रहा, क्योंकि कई स्थानों पर निजी व्यक्ति अतिक्रमण कर रहे हैं। गरीब सेवायतों को भी भूमि अधिकार नहीं मिले हैं, जिससे न तो मंदिर को फायदा हो रहा और न ही कब्जाधारियों को। [1][4]## प्रस्तावित सुधार- अधिनियम में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए उप-समितियां गठित करना, अव्यवस्था पर सख्त नियम लागू करना।- मंदिर परिसर में मोबाइल फोन और कैमरों पर प्रतिबंध लगाना।- भक्तों को भारतीय परिधान पहनने की जागरूकता अभियान चलाना। [5]श्री जगन्नाथ मंदिर का विहंगम दृश्य।
4. कानूनी और प्रशासनिक कदमराज्य विधि आयोग ने पहले ही दो दौर की चर्चा कर सुझाव दिए हैं। सोशल मीडिया पर मंदिर संस्कृति को लेकर गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर जोर दिया गया। सुधार से मंदिर का कोष मजबूत होगा और भूमि विवादों का समाधान होगा। पृथ्वीराज हरिचंदन की बैठक के दौरान चर्चा। [1

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