सोना, चांदी और कॉपर में आज तेज गिरावट आई है (इंट्राडे रिकॉर्ड स्तरों से लगभग 13% तक)

जिसका मुख्य कारण तेज रैली के बाद मुनाफावसूली और मैक्रो तथा पॉलिसी से जुड़ी स्थितियों में बदलाव है।[1] यह गिरावट 2025 में लंबी और जबरदस्त तेजी के बाद आई, जिससे कीमतें मामूली सेंटिमेंट बदलने पर भी करेक्शन के लिए काफी संवेदनशील हो गई थीं।[2]## कीमतों में क्या हुआ- सोने के वायदा भाव एमसीएक्स पर नए रिकॉर्ड हाई छूने के बाद लगभग 2% फिसले, क्योंकि ट्रेडरों ने ऊपरी स्तरों पर मुनाफा बुक किया।[1]- चांदी, जो 2025 में 100% से ज्यादा उछल चुकी थी, में सबसे तेज गिरावट दिखी और नजदीकी कॉन्ट्रैक्ट्स में रिकॉर्ड स्तर से लगभग 8–9% तक की गिरावट दर्ज हुई।[1]- कॉपर के वायदा भाव, जो लगभग ₹1,392.95 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर तक गए थे, इंट्राडे में करीब 13% टूट गए क्योंकि मेटल्स में आई रैली थमती दिखी।

[1]## गिरावट के चार मुख्य कारण- **तेज रैली के बाद भारी मुनाफावसूली** – 2025 में तीनों धातुओं में ब्याज दरों में कटौती, सट्टा पूंजी के प्रवाह और सप्लाई चिंताओं के कारण जबरदस्त तेजी रही, जिससे पोज़िशन काफी भीड़भाड़ वाली हो गई थीं।[1] – ऐसी **तेज** रैली के बाद 2026 में भी वैसी ही रिटर्न की उम्मीदें अवास्तविक लगने लगीं, इसलिए कई ट्रेडरों ने ऊपरी स्तरों पर मुनाफा बुक करना बेहतर समझा।

[2]- **भू‑राजनीतिक जोखिम और सेफ‑हेवन डिमांड में कमी** – अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच बातचीत के बाद रूस‑यूक्रेन शांति प्रक्रिया को लेकर उम्मीदें बढ़ीं, जिससे सोने‑चांदी में सेफ‑हेवन खरीदारी कमजोर पड़ी।

[3] – जब युद्ध‑जोखिम प्रीमियम और वैश्विक अनिश्चितता घटती है, तो निवेशक आम तौर पर डिफेंसिव मेटल्स से निकलकर जोखिम वाली परिसंपत्तियों में जाने लगते हैं, जिससे कीमतों पर दबाव आता है।

[4]- **चीन की पॉलिसी, खासकर चांदी निर्यात पर असर** – चीन ने 2026 की शुरुआत से फिजिकल सिल्वर के निर्यात पर नियंत्रण और लाइसेंसिंग जैसी व्यवस्था लागू करने का संकेत दिया है, जो 2027 तक रहेगी।[2] – लंबी अवधि के लिए यह सप्लाई के लिहाज से बुलिश फैक्टर है, लेकिन अभी के लिए इसने अनिश्चितता और पोज़िशन री‑एडजस्टमेंट बढ़ाया, जिससे चांदी में तेज उतार‑चढ़ाव और बिकवाली देखी गई, जिसका असर बाकी मेटल्स पर भी पड़ा।[2]- **सीएमई द्वारा सिल्वर कॉन्ट्रैक्ट्स पर मार्जिन बढ़ाना** – सीएमई ग्रुप ने मार्च 2026 सिल्वर फ्यूचर्स पर शुरुआती मार्जिन बढ़ा दिया, जिससे लीवरेज के साथ पोज़िशन पकड़ना महंगा हो गया।[1] – अधिक मार्जिन की वजह से कई सट्टा निवेशकों को पोज़िशन काटनी या बंद करनी पड़ी, जिससे पहले से ओवरहीटेड मार्केट में गिरावट और तेज हो गई।[2]## निवेशकों और ट्रेडरों के लिए संकेत- मौजूदा गिरावट को फिलहाल एक तेज लेकिन सामान्य करेक्शन माना जा रहा है, न कि डिमांड में बुनियादी कमजोरी के रूप में।[3]- नीतिगत फैसलों, शांति वार्ताओं और आगे की ब्याज दरों को लेकर उम्मीदों के कारण वॉलेटिलिटी ऊंची रह सकती है, इसलिए मेटल्स में ट्रेड करते समय पोज़िशन साइज़ और जोखिम प्रबंधन पर खास ध्यान देना जरूरी है

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